उत्तराखंड के चुनावी मैदान में भाजपा ने अपनी ताकत को बढ़ाने के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को कानून बनाने के साथ ही चुनावी मुद्दों को भी तेजी से उठाया है। इस राजनीतिक दायरे में एक नया तेज़ बाण बनाने के लिए पार्टी ने अपने कई तर्कों को अनगिनत तीरों की तरह उच्चारित किया है, जो न केवल उत्तराखंड में बल्कि दूसरे राज्यों में भी उनके प्रशासनिक अभियान की गणना करेंगे।
मोदी सरकार के CAA और धामी सरकार के UCC के बाद, भाजपा अब चुनावी मैदान में इन नए कानूनों को बड़े पैम्प में पेश करके वोटरों के ध्यान को अपनी ओर खींचने का प्रयास करेगी। इसके लिए पार्टी ने नेताओं को सक्षम बनाने के लिए विभिन्न प्रचार और जनसंवाद के माध्यमों का उपयोग करने का निर्णय लिया है।
राज्य स्तर के नेताओं को मुख्यमंत्री से लेकर विधायक तक, सभी लोकतंत्र के लोगों को इन कठिन फैसलों की समझ दिलाने के लिए पार्टी के विभिन्न कार्यक्रमों और जनसभाओं का आयोजन किया जा रहा है।