आमतौर पर माना जाता है कि बिहार में जिस पार्टी या गठबंधन की सोशल इंजीनियरिंग बेहतर होती है वही पार्टी यहां की सत्ता पर काबिज होती है. ऐसे में बिहार में जातिगत रैलियां और बैठकें होती रहती है लेकिन बिहार में कांग्रेस के नए अध्यक्ष के रूप में मदन मोहन झा द्वारा कुर्सी संभालते ही पटना में एक ऐसा पोस्टर (होर्डिंग) लगाया गया है जो चर्चा का विषय बन गया है. इस पोस्टर में नेताओं की तस्वीर के साथ उनकी जातियां भी लिखी गई हैं. कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी को ब्राह्मण जाति का बताया गया है.
पटना के आयकर गोलंबर सहित कई जगहों पर लगाए गए ऐसे पेास्टर अब चर्चा का विषय बने हुए हैं. लोग भी कह रहे हैं कि कांग्रेस अब विकास और वोट से नहीं जातिगत राजनीति से ही अपनी नाव पार करना चाहती है.
कांग्रेस के सिद्घार्थ क्षत्रिय की ओर से लगाए गए इस पोस्टर में शामिल नेताओं की तस्वीर पर उनकी जाति बताई गई है.
पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तस्वीर पर ब्राह्मण समुदाय लिखा हुआ है तो बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल की तस्वीर पर राजपूत जबकि अल्पेश ठाकुर की फोटो पर पिछड़ा समुदाय लिखा गया है.
इसी तरह बिहार प्रदेश चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष व सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह को भूमिहार, प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा को ब्राह्मण, कार्यकारी अध्यक्ष अशोक राम को दलित, कौकब कादरी को मुसलमान, समीर सिंह को राजपूत और श्याम सुंदर सिंह धीरज को भूमिहार व सदानंद सिंह को पिछड़ा समुदाय का बताया गया है.
वहीं, इस पोस्टर के विषय में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा से पूछा गया तो उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि लोग कहते हैं कि कांग्रेस कभी सवर्ण कार्ड तो कभी दलित कार्ड खेलती है. ऐसे में इस पोस्टर को सामाजिक समरसता के रूप में देख जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस पोस्टर के माध्यम से लगाने वाले ने यह दिखाने की कोशिश की है कि कांग्रेस सभी जातियों को साथ लेकर चलती है.
कांग्रेस का यह पोस्टर पटना में चर्चा का विषय बना हुआ है. भाजपा ने इस पोस्टर पर चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की मांग की है.
#WATCH: A Congress poster identifying party leaders with their caste and religion seen at Patna’s Income Tax chowraha. #Bihar pic.twitter.com/jR4o7zI2g5
— ANI (@ANI) September 26, 2018